KHAIRTHAL-TIJARA // अब दो बीघा भूमि वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी पर अनुदान

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KHAIRTHAL-TIJARA // खेत की सुरक्षा अब और आसान, छोटे किसानों के लिए भी खुला कृषि विभाग की तारबंदी अनुदान योजना का रास्ता

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KHAIRTHAL-TIJARA – मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में चलाई जा रही योजनाओं के माध्यम से किसानों का रुझान अब फसल सुरक्षा हेतु तारबंदी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। कृषि विभाग द्वारा नीलगाय, जंगली जानवरों एवं आवारा/निराश्रित पशुओं से फसलों की सुरक्षा के लिए किसानों को तारबंदी पर अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।

KHAIRTHAL-TIJARA – इस योजना का लाभ अब छोटे किसानों को भी मिलने लगा है, जिससे दो बीघा भूमि वाले किसान भी अपने खेत की तारबंदी करवा सकेंगे। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार), जिला परिषद खैरथल, विजय सिंह ने जानकारी दी कि जिले में एकल आवेदक के रूप में सामान्य श्रेणी के किसानों को 400 रनिंग मीटर तक तारबंदी के लिए कुल लागत का 50% अथवा अधिकतम ₹40,000 तक का अनुदान दिया जा रहा है। वहीं, लघु व सीमांत किसानों को यह अनुदान इकाई लागत का 60% अथवा ₹48,000 (जो भी कम हो) तक मिलता है।

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KHAIRTHAL-TIJARA – इसके अतिरिक्त, यदि किसान सामूहिक रूप से तारबंदी कराते हैं, तो न्यूनतम 10 किसानों के समूह के पास कम से कम 5.0 हैक्टेयर भूमि होना आवश्यक है। ऐसे में समूह को इकाई लागत का 70% अथवा प्रत्येक कृषक को 400 मीटर पर ₹56,000 (जो भी कम हो) तक अनुदान दिया जाएगा। प्रत्येक समूह में कम से कम दो कृषक व प्रत्येक के पास न्यूनतम दो बीघा भूमि होना आवश्यक है।

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संयुक्त निदेशक ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम (FRA) के अंतर्गत यदि कृषक के पास न्यूनतम दो बीघा (0.5 हैक्टेयर) भूमि का पट्टा है, तो उसे इस योजना में इकाई लागत का 90% अथवा अधिकतम ₹72,000 तक का अनुदान दिया जाता है। अब तक विभाग द्वारा जिले के 207 किसानों की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा चुकी है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि मंदिर की खेती की भूमि से संबंधित पंजिका में पुजारी उसका संरक्षक है, तो उसे भी नियमानुसार इस योजना का लाभ मिल सकता है।

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संयुक्त निदेशक विजय सिंह ने जिले के सभी किसानों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस योजना का लाभ लें और अपनी फसलों को नीलगाय, जंगली जानवरों एवं आवारा पशुओं से सुरक्षित करें। उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों की फसल सुरक्षा के साथ-साथ कृषि आय को स्थिर करने की दिशा में एक प्रभावी कदम है।

खैरथल तिजारा से मनीष शर्मा की रिपोर्ट

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