JAIPUR // जोधपुर और उदयपुर में डॉक्टरों की मौत के मामलों में नहीं मिली संवेदनशीलता, धरनों और हड़तालों के बाद भी सरकार मौन

राजस्थान में भाजपा सरकार में चिकित्सा सेवाओं की तो दुर्गति हुई है। लेकिन ऐसा लगता है। कि अब डॉक्टरों की जान की परवाह भी भाजपा सरकार को नहीं है।

यही वजह है कि जोधपुर के डॉक्टर राकेश बिश्नोई की आत्महत्या का मामला हो या उदयपुर के मेडिकल कॉलेज में में डॉक्टर रवि शर्मा की वॉटर कूलर में करंट से मृत्यु का मामला हो।
दोनों ही मामलों में राज्य सरकार ने संवेदनहीनता दिखाई है। मृतक डॉक्टरों के परिजनों को न्याय के लिए कई-कई दिनों तक धरना प्रदर्शन एवं डॉक्टरों को हड़ताल करनी पड़ जाए। तो यह सरकार की असंवेदनशीलता का परिचायक है। क्या राज्य सरकार डॉक्टरों को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है?
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जयपुर से विशेष संवादाता रवि करवा की रिपोर्ट
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