Baran//बारां जिले की 35वीं वर्षगांठ पर निकली ऐतिहासिक शोभायात्रा — संस्कृति, जनसैलाब और उल्लास का अद्वितीय संगम

Baran// बारां जिले ने अपनी स्थापना की 35वीं वर्षगांठ पर इतिहास रच दिया। बुधवार को जिले में निकली भव्य शोभायात्रा ने पूरे शहर को रंगों, रिवाजों और सामाजिक समरसता की झलकियों से सराबोर कर दिया।

Baran//बारां महोत्सव के दूसरे दिन, प्यारेरामजी मंदिर से शुरू हुई ऐतिहासिक शोभायात्रा ने पूरे शहर में एक नई ऊर्जा का संचार किया। मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना और तोप दागकर इस यात्रा की पारंपरिक शुरुआत की गई। शोभायात्रा में शामिल थीं पारंपरिक वेशभूषा में सजीं झांकियाँ, लोक कलाओं की रंगारंग प्रस्तुतियाँ और सामाजिक संगठनों की भागीदारी रहीइस शोभायात्रा की खास बात रही सांस्कृतिक धरोहरों की जीवंत झलक राजस्थानी कच्छी घोड़ी, कजरी और चकरी नृत्य, सहरिया स्वांग और अखाड़ों की शानदार प्रस्तुतियाँ।
Baran//अश्ववाहिनी के 11 घुड़सवारों ने राजसी शान बिखेरी, तो वहीं शहनाई, नगाड़े और डोल की गूंज ने माहौल को सजीव बना दिया। पुलिस और स्काउट बैंड, बोहरा समाज की भागीदारी ने सामाजिक समरसता का प्रतीक पेश किया। यह शोभायात्रा बाराँ के प्रमुख चौराहों से होकरखेल संकुल मैदान में पहुँची वही शोभायात्रा का समापन हुआ, जहाँ हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने एक-दूसरे को जिले की स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए साफा बांध प्रतियोगिता और कविता पाठ का आयोजन भी किया गया, जिसने आयोजन की गरिमा को और भी बढ़ा दिया। मुख्य अतिथि के रूप में बारां-अटरू विधायक राधेश्याम बैरवा, छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर और पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी समेत कई जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। बारां की धरती ने एक बार फिर दिखा दिया कि संस्कृति, एकता और समरसता मिलकर कैसे इतिहास रच सकते हैं। पूरे कार्यक्रम में जिला प्रशासन की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
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