ALWAR // सिलीसेढ़ झील से पानी ले जाने के निर्णय पर किसानों का विरोध, महायज्ञ कर सरकार को दी चेतावनी

अलवर जिले की प्रसिद्ध सिलीसेढ़ झील को बचाने के लिए आज सुबह 11:15 बजे किसानों द्वारा एक महायज्ञ का आयोजन किया गया। यह यज्ञ तिराहे पर आयोजित हुआ। क्षेत्र के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों ने भाग लेकर सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की। कार्यक्रम संयोजक निहाल सिंह गुर्जर ने बताया।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं जिला कलेक्टर अलवर को सिलीसेढ़ झील से पानी ले जाने के निर्णय पर पुनर्विचार करने की बुद्धि प्राप्त हो। ग्रामीणों का मानना है कि झील से अलवर शहर के लिए पानी ले जाना पर्यावरण और स्थानीय जीवन के लिए घातक सिद्ध होगा। लेकिन झील का दोहन करके बोरिंग या ट्यूबवेल के माध्यम से पानी ले जाना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।

सरपंच प्रतिनिधि भवेंद्र पटेल ने भी प्रशासन को आगाह करते हुए कहा कि समाधान संवाद से निकले। वरना संघर्ष के लिए ग्रामीण तैयार हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत का सरकार पर हमला। महायज्ञ के पश्चात किसानों को संबोधित करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, कांग्रेस के शासन में कभी भी ऐसे आंदोलन नहीं होते थे। अब जब डबल इंजन की सरकार है, तब किसानों की पीड़ा बढ़ गई है।
सरकार को हरियाणा, पंजाब या यमुना से पानी लाना चाहिए। झील से पानी ले जाना तो मूर्खता है। ग्रामीणों ने चेताया कि यदि प्रशासन ने जल्द कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो आंदोलन और अधिक तेज होगा।
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अलवर से शक्ति सिंह की रिपोर्ट