JODHPUR // बासनपीर विवाद पर विहिप सख्त, बोली- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर संकट

जैसलमेर के समीप बासनपीर गांव की घटना न केवल हिन्दू समाज की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विरासत को विध्वंसित करने का एक क्रूर प्रयास है। बल्कि यह सीमांत क्षेत्र में कट्टर इस्लामी सोच के बढ़ते प्रभुत्व और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर चुनोती है। विश्व हिन्दू परिषद इस पूरे प्रकरण पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए राज्य और केंद्र सरकार की सुरक्षा एजेंसियों से कठोर कार्यवाही की मांग करती है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का यांत्रिक विनाश मूल नाम “बासनपी” को बदलकर ‘बासनपीर’ कर दिया गया है, बासनपी पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाए गए 84 प्राचीन गांवों में से एक है जिसके प्राचीन मंदिर और पूजास्थल नष्ट कर दिए गये है। 2019 में, बीर रामसिंह सोडा व हदूद जी पालीवाल की स्मृति में बनी छतरियों को इस्लामिक उन्माद में ध्वस्त किया गया।जब हाल ही में छतरियों के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई, तो स्थानीय मदरसे द्वारा भीड़ को भड़काकर पत्थरबाजी करवाई गई।18 सीमांत क्षेत्रों में जेहादी विस्तार का खतरा जैसलमेर सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में मजारे, मदरसे, अवैध कब्जे, वक्फ बोर्ड की आड़ में भूमि हथियाना जैसी गतिविधियों बढ़ रही हैं।

सालेह मोहम्मद (पूर्व राज्य मंत्री) से जुड़े यारू खान, सुमेर खान और पा सकूर खान जैसे लोगों पर ड्रग्स व हथियार तस्करी के गंभीर आरोप हैं, जिनकी जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा आवश्यक है। बासनपी में पूर्ण सुरक्षा के साथ धार्मिक व ऐतिहासिक स्मारक का पुनर्निर्माण निर्वाध रूप से कराया जाए। एवं पूरी भूमि से अतिक्रमण हटाये जाए।
सीमांत क्षेत्र में अवैध कब्जों की जांच कर निष्कासन, तथा मजारों, मदरसों, धर्मातरण जैसी गतिविधियों पर कठोर कार्रवाई हो। विश्व हिन्दू परिषद इस विषय को केवल स्थानीय विवाद नहीं मानती, बल्कि यह सम्पूर्ण राष्ट्र की सुरक्षा, संस्कृति और अस्मिता से जुड़ा विषय है, और जनजागरण व कानूनी संघर्ष के माध्यम से समाज को जाग्रत कर आंदोलन तेज़ किया जाएगा।
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जोधपुर से दिनेश गोयल की रिपोर्ट
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