Prayagraj// महाकुंभ में सुरक्षा एजेंसियों के ने किये 10 ऑपरेशनल प्लान

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Prayagraj// महाकुंभ में सुरक्षा एजेंसियों के ने किये 10 ऑपरेशनल प्लान

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महाकुंभ के सिक्योरिटी प्लान में A,B,C प्लान तो है ही, सुरक्षा एजेंसियों ने 10 ऑपरेशनल प्लान की रूपरेखा तैयार की है। ये ऑपरेशनल प्लान कोई अनहोनी होने पर लागू होंगे। इसे तैयार करने में सुरक्षा एजेंसियां, खुफिया एजेंसियां, एनआईए, एटीएस, पुलिस, पैरामिलिट्री के अफसरों के बीच मंथन हुआ है। इन ऑपरेशनल प्लान के लिए सेना के अफसरों के साथ भी बैठकें हो चुकी हैं। सभी एजेंसियों के समन्वय के लिए एक टीम बनी है।

यूं तो सुरक्षा की कड़ी में अत्याधुनिक हथियारों से लैस कमांडो, स्नाइपर्स वॉच टावरों पर तैनात होंगे, लेकिन प्रमुख स्नान पर्व पर सुरक्षा के लिए भारतीय सेना भी तैनात रहेगी। सेना के हेलिकॉप्टर आसमान में निगरानी करेंगे। कुंभ को लेकर 10 ऑपरेशनल प्लान

1. भगदड़ और अफरा-तफरी के हालात: भगदड़ और अफरा-तफरी की स्थिति में क्या करना है? शहर से मेला क्षेत्र की आवाजाही को कैसे नियंत्रित करना है? भीड़ को मैदान में बनी बल्लियों के घेरे के बीच रोकना।

2. धमाका या तेज आवाज वाली स्थिति: धमाका, पटाखा या फिर तेज आवाज की डरा सकने वाली स्थिति में कौन सी टीमें सक्रिय होंगी? हर लोकेशन और पॉइंट के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करना। दूसरी टीमें इस स्थिति में उस टीम के निर्देश पर काम करेंगी।

3. केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर अटैक: केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर अटैक की स्थिति में विशेष टीमें तैनात की जा रही हैं। इसमें एक्सपर्ट, डॉक्टर, फायर सर्विस के अधिकारियों को लगाया जाएगा। बाकी टीमें भीड़ को नियंत्रित करने के लिए काम करेंगी। प्रयागराज के 10 डॉक्टरों का दल नरौरा परमाणु केंद्र में ट्रेनिंग ले रहा है। जॉइंट डॉयरेक्टर प्रयागराज हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डॉक्टर वीके मिश्र के नेतृत्व में यह टीम काम करेगी। साथ ही यूपी के अन्य डॉक्टरों को ट्रेनिंग कराकर यहां भेजा जा रहा है।

स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल (SRN), एमएलएन मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज में केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर (CBRN) अटैक ट्रीटमेंट यूनिट की स्थापना की गई है। यह अत्याधुनिक प्रयोगशाला भारत में एम्स, नई दिल्ली के बाद दूसरी ऐसी इकाई है।

4. भीड़ को रौंदने के हमले: भीड़ को रौंदने के हमले की स्थिति में प्लान तैयार करना। विदेशों में ऐसी घटनाओं के अनुभव के आधार पर स्नाइपर्स के साथ मिलकर योजना बनाना। दोनों साइड से रास्ता ब्लॉक करने के लिए विशेष टीमें होंगी।

5. मेला क्षेत्र में संदिग्ध की जानकारी: मेला क्षेत्र में संदिग्ध के घुसने की जानकारी मिलने पर विशेष टीमें ही ऑपरेशन में सक्रिय होंगी। पूरी फोर्स को इसकी जानकारी नहीं दी जाएगी, ताकि पैनिक न हो। उसे टारगेट करने के लिए विशेष टीमें लगेंगी।

 

 

6. अत्यधिक भीड़ की स्थिति का प्लान: एक जगह पर अत्यधिक भीड़ का पता एआई के जरिए लगाना। इसे मैनेज करने के लिए पुलिसकर्मियों को वायरलेस या फोन के जरिए नहीं बताया जाएगा। एआई कंट्रोल रूम से अलर्ट जारी होने पर क्विक रिएक्शन टीमें प्रबंधन संभालेंगी।
7. स्नान के दौरान पानी में अनहोनी: स्नान के दौरान पानी में अनहोनी की स्थिति में संगम नोज समेत अन्य घाटों से श्रद्धालुओं को दूर कैसे ले जाया जाएगा। इस मैनेजमेंट को संभालने के लिए विशेष दस्ता होगा। कोई घोषणा नहीं की जाएगी।

8. कॉल ट्रैपिंग और आईटी सुरक्षा: मुख्य स्नान के दिन कॉल ट्रैपिंग, जैमर, जीपीएस लोकेशन आदि की जिम्मेदारी आईटी एक्सपर्ट की टीम को दी जाएगी। हैकिंग के जरिए अफरातफरी की स्थिति में तैयारी रहेगी।

9. ट्रेनों, बसों और पार्किंग स्थलों पर सुरक्षा: ट्रेनों, बसों, पार्किंग स्थलों पर वारदात रोकने के लिए अधिकारियों की अलग टीम होगी। मेले में कुछ भी हो, ये टीमें अपने पॉइंट पर ही काम करेंगी। वहां कुछ होने पर विशेष दस्ता रवाना होगा।

10. किसी एक स्थान पर वारदात की स्थिति: किसी एक कार्यालय, एक स्पॉट, एक होटल, रेस्टोरेंट, दुकान, नाव, गाड़ी के जरिए वारदात होती है तो उस इलाके की घेराबंदी किस टीम को करनी है, यह पहले से तय होगा। वही टीम उस इलाके को सील करेगी। दूसरी टीमें अपने पॉइंट पर मौजूद रहेंगी।

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