udaipur में घर के सामने से निकला लेपर्ड, जहां गोली मारी वहां से 10KM दूर नजर आया दूसरा तेंदुआ; कार आई तो भागा

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उदयपुर शहर के पास एक बार फिर लेपर्ड का मूवमेंट नजर आया है। शहर के 7 किमी दूर बड़ी ग्राम पंचायत क्षेत्र के लियो का गुड़ा में बीती रात को एक लेपर्ड को सीसीटीवी फुटेज में देखा गया। यहां 7 दिन में दूसरी बार लेपर्ड की मूवमेंट हुई है। CCTV में, लेपर्ड रविवार देर रात 10.42 बजे एक घर के सामने से गुजरता हुआ नजर आ रहा है। इसके बाद सामने से एक कार के आते ही लेपर्ड झाड़ियों में भाग जाता है।

3 दिन पहले शुक्रवार को यहां से 10 किमी दूर मदार इलाके में वन-विभाग और पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में एक लेपर्ड को गोली मारी गई थी।

7 दिन में दूसरी घटना

बड़ी सरपंच मदन पंडित ने बताया कि इस इलाके में 7 दिन में लेपर्ड दिखने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले 14 अक्टूबर को इसी इलाके में लेपर्ड ने सुबह 7 बजे विजय चौबीसा के मकान में घुसकर बछड़े का शिकार कर लिया था। उनकी बहु ने लेपर्ड को देखा और चिल्लाई तो लेपर्ड भाग निकला। इसके बाद वन-विभाग ने उनके बाड़े में पिंजरा भी लगाया था। लेकिन, लेपर्ड उसमें नहीं आया।

मदन पंडित ने बताया- अब रविवार देर रात सड़क पर घूमता लेपर्ड दिखाई दिया है। इससे पहले वन विभाग ने यहां पिंजरा भी लगाया था। लेकिन, लेपर्ड उसमें नहीं फंसा। लोग घबराए हुए हैं और घरों से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं। ये जो इलाका शहर से महज 7 किमी दूर है। यहां पहले भी लेपर्ड का मूवमेंट रहा है। वह रात के समय बाड़े में बंधे हुए मवेशियों का शिकार कर भाग जाता है।

क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रवेंद्र सिंह ने बताया-

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हमारी टीम लगातार निगरानी कर रही है और जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की मांग के अनुसार पिंजरे भी लगाए गए हैं।

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आसपास हैं होटल और विला

बड़ी और लोयरा ग्राम पंचायत से सटे इस इलाके में जंगल के पास कई होटल बने हुए हैं। इसमें तुलसी विला, एलपीके, बड़ीगढ़, विला ले पाम्स रिजॉर्ट, हवाला के पास द रॉयल रिट्रीट ,बंजारा हिल्स आदि हैं। इसके अलावा लोयरा पंचायत के बड़ी से सटी ग्रेटर कैलाश नगर विला बनी हुई है।

इन इलाकों में 4 से ज्यादा लेपर्ड होने की संभावना

वन-विभाग के अनुसार, इन दोनों इलाकों में 4 से 5 लेपर्ड होने की संभावना है। हालांकि, ये लेपर्ड इलाके बदलते रहते हैं और दिन-रात मिलाकर 20 से ज्यादा किमी तक का सफर तय कर सकते हैं। ऐसे में, संख्या का अनुमान नहीं लगा सकते हैं। यहां ग्रामीणों की मांग के अनुसार पिंजरे लगाए जा रहे हैं। वहीं वन-विभाग की ओर से ग्रामीणों को झुण्ड में बाहर निकलने और रात के समय पटाखे चलाने की हिदायत दी गई है।

7 दिन में 3 बार अटैक

बड़ी ग्राम पंचायत और मदार ग्राम पंचायत के अलग-अलग गांवों में बीते करीब 7 दिन में लेपर्ड के 3 अटैक हुए हैं। बुधवार को खेत में काम कर रही 2 महिलाओं पर हमला किया था। दोनों घायल हो गई थीं। इनमें से लेपर्ड ने एक महिला मांगीबाई के गले पर अटैक किया था। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था।

इससे एक दिन पहले मंगलवार रात को पालड़ी गांव में लेपर्ड ने गाय के बछड़े का शिकार कर उसे मार डाला था। वहीं बड़ी के एक मकान के बाड़े में लेपर्ड घुस आया था।

गोगुन्दा में मां-बेटी से हुआ था लेपर्ड का सामना

रविवार को गोगुंदा थाना क्षेत्र की भूताला ग्राम पंचायत की हीरावतों की भागल में पैंथर ने गाय का शिकार कर लिया। ग्रामीण तुलसी सिंह ने बताया कि गाय को चरने के लिए खेत में छोड़ा था, दोपहर को खेत पर देखा तो गाय मरी हुई पड़ी थी। उन्होंने दावा किया कि यहां कई दिनों से लेपर्ड घूम रहा है। यहां रहने वाले चंदन सिंह की पत्नी और बेटी घास लेने निकली थी। इसी दौरान लेपर्ड से उनका सामना हो गया। दोनों ने शोर मचाया तो लेपर्ड भाग निकला था।

इसके बाद वन-विभाग के वनपाल लाल सिंह को मौके पर सूचना दी और पिंजरा लगाने की मांग की थी। लेकिन, अब तक कोई पिंजरा नहीं लगाया गया है।

 

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