TONK// सूरी मंत्रोच्चार से प्रतिमाएं पंच कल्याणक में प्रतिष्ठित कर पूजनीय की जाती है।

TONK// भगवान के अभिषेक के बिना पूजन अधूरी होती है। आगम में पुरुष और महिला दोनों को अभिषेक का अधिकार है श्रावकाचार ग्रंथ पुरुष और महिला दोनों के लिए एक जैसा है। आज अनेक श्रावकों ,युवाओं ने श्री जी के अभिषेक के साथ पूजन करने का नियम लिया हैं 55 वर्ष पूर्व दीक्षा गुरु आचार्य श्री धर्म सागर जी के सन 1970 चातुर्मास में दिए व्रत नियम के संस्कार आज भलीभूत दिख रहे हैं।धर्म से नाता ,अवलंबन से मनुष्य जीवन में उन्नति होती हैं
TONK// श्रीजी के दर्शन, अभिषेक, पूजन, स्वाध्याय, दान आदि श्रावकों के मुख्य कर्तव्यों में है यह मंगल देशना आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज ने श्री शांतिनाथ जिनालय बड़ा तख्ता मंदिर में श्री जी के विभिन्न द्रव्यों से किए गए पंचामृत अभिषेक के पावन अवसर पर धर्म सभा में प्रकट की ।राजेश पंचोलिया के अनुसार आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने प्रवचन में आगे बताया कि सन 1970 में दीक्षा गुरु आचार्य श्री धर्म सागर जी के साथ टोंक नगर में चातुर्मास किया था, बाद में पंचकल्याणक हुआ था।
इसकी सुखद पुनरावती सन 2025 में हो रही है कि पहले वर्षायोग किया इसके बाद नवम्बर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा होगी। जैन समाज द्वारा जिन मंदिर में नूतन प्रतिमा स्थापित करने के लिए पंचकल्याणक प्रतिष्ठा आचार्य भगवान के सानिध्य में सूरी मंत्रोच्चार के माध्यम से प्राण प्रतिष्ठा कराई जाती है। इन धार्मिक अनुष्ठान को पूर्ण मनोभाव से करने और देखने से असीम पुण्य की प्राप्ति होती हैं इन पांच दिवसीय कार्यक्रम में भगवान के जन्म गर्भकल्याणक ,जन्म कल्याणक ,दीक्षा तप कल्याणक, ज्ञान कल्याणक और मोक्ष कल्याणक की धार्मिक क्रियाएं होती है। जिसमें ज्ञान मोक्ष कल्याणक पर भगवान को सूरी मंत्र द्वारा प्रतिष्ठित किया जाता है। णमोकार मंत्र में पंच परमेष्ठी बतलाई गए हैं साधु, उपाध्याय, आचार्य,अरिहंत और सिद्ध भगवान जो वैराग्य धारण कर तप संयम से कर्मों की क्षय निर्जरा करते हुए सिद्धालय पर विराजित होते हैं। श्री सुनील सराफ श्री पवन कंटान अनुसार श्री आदिनाथ जिनालय से श्री शांतिनाथ जिनालय में आचार्य श्री वर्धमान सागर जी का भव्य मंगल प्रवेश हुआ स्थान स्थान पर समाज ने आचार्य श्री की आरती कर चरण प्रक्षालन किए ।विभिन्न पुण्यार्जक परिवारों द्वारा श्री जी का भव्य पंचामृत अभिषेक जल, नारियल रस, विभिन्न फलों के रस, शर्करा, धी, दूध, दही, सर्व औषधि; केशर लाल चंदन सफेद चंदन पुष्प हल्दी,सुगंधित जल आदि से किया श्री जी की शांतिधारा हुई।
आचार्य श्री संघ सानिध्य में होने वाले पंच कल्याणक कार्यक्रम के स्टीकर पोस्टर का विमोचन समाज के पदाधिकारियों ने आचार्य श्री सानिध्य में किया।आज आर्यिका श्री महायश मति जी के केश लोचन हुए।
टोंक से अशोक शर्मा की रिपोर्ट
https://www.facebook.com/profile.php?id=61580815528140
TONK// देवली-उनियारा में BJP का आत्मनिर्भर भारत संकल्प सम्मेलन — विधायक ने दिलाया संकल्प