TONK// श्री दिगंबर जैन नसिया में जारी चातुर्मास — श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

टोंक में श्री दिगंबर जैन नसिया में आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज ससंघ का चातुर्मास जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को सुबह अभिषेक और शांतिधारा की क्रियाएं संपन्न हुईं, जिसके बाद आचार्य श्री ने अपने उपदेश में धर्म और जीवन के गूढ़ संदेश दिए।
आचार्य वर्धमान सागर जी ने कहा कि हर व्यक्ति ऐश्वर्य और धन की चाह रखता है, लेकिन असली अर्थ तभी है जब उसका सदुपयोग धार्मिक और पुण्य कार्यों में किया जाए। उन्होंने बताया कि निरोगी शरीर भी धन के समान है, जिसे स्वच्छ दिनचर्या और संयमित जीवन से सुरक्षित रखना चाहिए।
आचार्य श्री ने कहा कि दूषित खानपान और इंद्रिय भोगों के कारण शरीर और आत्मा दोनों रोगी हो जाते हैं। इसलिए आत्मा की रक्षा करना सबसे जरूरी है। उन्होंने ज्ञान और विद्वत्ता को वास्तविक धन बताया और कहा कि जिसके पास ज्ञान नहीं, वह सच्चे अर्थों में निर्धन है।
उन्होंने यह भी कहा कि जितनी लगन से लोग अखबार पढ़ते हैं, उतनी ही तन्मयता से शास्त्रों का स्वाध्याय करना चाहिए, क्योंकि शास्त्र ज्ञान से ही व्यक्ति का आत्मिक उत्थान होता है।
अपने प्रवचन के अंत में आचार्य श्री ने सभी से देव, शास्त्र, गुरु, धर्म और मंदिर क्षेत्र की रक्षा तन, मन और धन से करने का आह्वान किया।
समाज प्रवक्ता पवन कंटान और विकास जागीरदार ने बताया कि आचार्य श्री के चातुर्मास में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। टोंक, निवाई, शिवाड़, पीपलदा, बोली सहित कई कस्बों से श्रद्धालु शीतकालीन प्रवास हेतु श्रीफल भेंट कर रहे हैं। अग्रवाल धर्मशाला में विभिन्न नगरों के चौके भी लगाए जा रहे हैं, वहीं सायंकालीन आरती और शास्त्र स्वाध्याय में भारी संख्या में लोग भाग ले रहे हैं।
टोंक से अशोक शर्मा की रिपोर्ट
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