TONK// सच्ची विजयादशमी है इंद्रियों पर विजय – बीके मोहिनी दीदी

टोंक में दशहरे के पावन अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी ने विशेष प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि अपनी इंद्रियों और विकारों पर नियंत्रण प्राप्त करना ही सच्ची विजयादशमी है।
बीके मोहिनी दीदी ने बताया कि आज मनुष्य प्रवृत्ति में रहते हुए पांच विकार नर में और पांच विकार नारी में विद्यमान हैं। यही दस विकार रावण के दस सिर का प्रतीक हैं। एक बुराई को त्यागने पर दूसरी हावी हो जाती है और इसका मूल है देह अभिमान। जब तक देह अभिमान समाप्त नहीं होगा, तब तक इन विकारों पर विजय नहीं पाई जा सकती।
उन्होंने कहा कि हम हर साल दशहरा मनाते हैं, रावण के पुतले जलाते हैं, लेकिन असली सवाल यह है कि क्या हम सच में अपनी बुराइयों से मुक्त हो पा रहे हैं? बढ़ता भ्रष्टाचार, अनैतिकता और भौतिकवाद इसका संकेत है कि हम बुराइयों पर जीतने की बजाय उनके गुलाम बनते जा रहे हैं।
बीके मोहिनी दीदी ने समझाया कि रामायण में वर्णित युद्ध वास्तव में हमारे भीतर चल रहे संघर्ष का प्रतीक है – हमारी उच्चतर आत्मा और हमारी कमजोरियों के बीच की जंग। ईश्वर हमें इस संघर्ष में शक्ति और विवेक प्रदान करते हैं, जिससे हम बुराइयों पर विजय पा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि केवल लकड़ी और पुआल से बने रावण को जलाने से बुराइयां समाप्त नहीं होंगी। इसके लिए आध्यात्मिक साधना और आत्म-साक्षात्कार का मार्ग अपनाना आवश्यक है।
कार्यक्रम में उपस्थित भक्तों और अनुयायियों ने बीके मोहिनी दीदी के प्रवचनों से गहरा आध्यात्मिक संदेश लिया।
टोंक से अशोक शर्मा की रिपोर्ट
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