TONK // महान महापुरुषों की न्याय ओर नीति संस्कृति से आत्मा को परमात्मा बनाने का पुरुषार्थ करना चाहिए।

टोंक में आचार्य वर्धमान सागर अतिशय क्षेत्र टोंक में प्रतिदिन अनेक प्रसिद्ध समाजसेवी श्रीजी और आचार्य वर्धमान सागर के दर्शन और आशीर्वाद हेतु पधार रहे हैं किशनगढ़ के प्रसिद्ध भामाशाह अशोक पाटनी, सौभाग्यमल कटारिया अहमदाबाद, कुंथल गिरी ट्रस्ट महाराष्ट्र, पद्मप्रभ अतिशय क्षेत्र पदमप्रभु जयपुर सहित सैकड़ों पधारे। आज से टोंक में 9 दिवसीय अखंड णमोकार मंत्र का पाठ प्रारंभ हुआ आचार्य ने उपदेश में बताया कि प्रीति और प्रेम सभी का कर्तव्य है धर्म और प्रीति आत्म कल्याण में साधन है सभी को धर्म से प्रीति करना चाहिए शरीर के भीतर आत्मा का कल्याण धर्म के बिना नहीं होता है। समाज में भी समय-समय पर अनेक महान आत्माओं का जन्म हुआ है,
महापुरुषों की न्याय और नीति होती है प्रथमाचार्य शांति सागर महाराज महान पुरुष रहे हैं। मुगल साम्राज्य और अंग्रेजी हुकूमत में भी उन्होंने दिगंबर जैन धर्म की महती प्रभावना दक्षिण से उत्तर भारत संघ सहित बिहार कर की। आचार्य शांति सागर में धर्म संस्कृति जिनालयों की रक्षा की। अधर्म से दुर्गति भी होती है यह मंगल देशना आचार्य वर्धमान सागर महाराज धर्म सभा में प्रकट की । राजेश पंचोलिया के अनुसार आचार्य ने आगे बताया कि प्रथमाचार्य शांति सागर महाराज का आचार्य दिवस आश्विन शुक्ला ग्यारस को 100 वर्ष पूर्ण हो गए। टोंक समाज द्वारा आगामी तीन और चार अक्टूबर को वृहद रूप से आचार्य पद प्रतिष्ठापना कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
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टोंक से अशोक शर्मा की रिपोर्ट
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