TONK // अतिशय क्षेत्र टोंक में बालिकाओं की दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न

टोंक में राजकीय अतिथि आचार्य वर्धमान सागर की प्रेरणा अनुसार 13 से 23 वर्ष आयु की बालिकाओं के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सुसंस्कारों का शंखनाद की शुरुआत की गई, इस शिविर में 90 बालिकाओं ने उपस्थिति दी। बालिकाओं को व्यवस्थित रहना चाहिए मित्रता किन से करना चाहिए इसकी विवेचना में मुनि हितेंद्र सागर ने बताया कि जिन दोस्तों को माता-पिता के सामने ले जा सके सामने माता-पिता के सामने चर्चा कर सके वही सही मित्र है । माता-पिता से किसी मित्र के बारे में कुछ छुपाना पड़े या बताना नहीं बता सके वह मित्र ठीक नहीं होते हैं। माता-पिता को हर अच्छी बुरी बात बताना चाहिए जीवन में लाइफ पार्टनर परिवार की सहमति से होना चाहिए तभी जीवन सुख में रहेगा पशु और मानव का अंतर बताते हुए मुनि कहा कि पशु स्वच्छंद और मानव संयमित होता है पुत्र लोहे के समान और पुत्री हीरे के समान है इसलिए बालिकाओं को जीवन में हर समय सजग और सावधान रहकर स्वार्थी ,चापलूस ,दुष्ट से दूर रहना चाहिए स्वयं की आत्म सम्मान की रक्षा से जीवन सुखी होता है उपहार हर किसी से नहीं लेना चाहिए।

दो दिवसीय बालिका संस्कार कार्यशाला में मुनि हितेंद्र सागर ने उपदेश ओर मार्गदर्शन दिया। भारतीय जैन संगठन द्वारा स्मार्ट गर्ल प्रोग्राम के लिए ट्रेनर्स पाली से श्री राजेंद्र जी जैन (लेक्चरर फिजिक्स) और दिल्ली से श्री अरुण जी जैन (उद्योगपति) द्वारा सरल भाषा में प्रशिक्षण दिया दो दिवसीय कार्यशाला में सभी की जिज्ञासा का समाधान किया गया।
13 सितंबर को तीन सत्रों में प्रातः 9 से शाम 6 बजे तक बालिकाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसमें बालिकाओं को स्व जागरूकता, रिश्ते, दोस्ती और संवाद तथा मासिक धर्म ओर स्वच्छता के बारे में जागरूक किया गया। बालिकाओं को मुक्तकंठ से अपने विचार रखने का मौका दिया गया। कई लघु नाटिकाओं के माध्यम से उन्हें समझाया गया। राजेश पंचोलिया ने बताया आगामी चार सत्रों में जो कि 14 सितंबर को 9 से 6 बजे तक में बालिकाओ को अपने आत्म सम्मान, स्व सुरक्षा, निर्णय लेने को समझ, प्रलोभन आदि के बारे में जागरूक किया गया। साथ ही 3 से 6 बालिकाओं ओर माता पिता को एक साथ बैठा कर आपसी संवाद को बढ़ाने हेतु प्रशिक्षित एवं संकल्पित किया गया,
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टोंक से अशोक शर्मा की रिपोर्ट