TONK // धार्मिक पर्वों से आत्मा की शुद्धि और कर्मों के कषायों का नाश

टोंक में चातुर्मास वर्षायोग में अनेक पर्व आते हैं। कल वात्सल्य पूर्णिमा रक्षाबंधन का पर्व आपने मनाया। अभी 16 कारण पर्व चल रहा है। धार्मिक पर्वों से आत्मा के कर्मों कषाय की मलिनता दूर होती है।

अभी मुनि ने सम्यक दर्शन के गुणों और दोषों मद कषाय की विवेचना की। 16 कारण भावना में दर्शन विशुद्धि पहली भावना है। जिस प्रकार शारीरिक दृष्टि ,नजर दोष चिकित्सक दूर करता हैं। उसी प्रकार आत्मा में कर्म रूपी रोग सम्यकदर्शन, आस्था, विश्वास, से दूर होकर निर्मलता आती हैं।

यह धर्मदेशना वात्सल्य वारिधि पंचम पट्टाधीश आचार्य वर्धमानसागर ने धर्मसभा में प्रकट की। आचार्य के उपदेश के पूर्व मुनि प्रभव सागर ने उपदेश में रत्नत्रय के तीन अंग सम्यक दर्शन, ज्ञान चरित्र की विवेचना में सम्यक दर्शन के 8 मद कषाय से हानि बताई।

मुनि चिन्मय सागर एक दिन छोड़कर आहार में मात्र जल ओर दूध ही ले रहे हैं। आचार्य मुनि को नियमित संबोधन दे रहे हैं। समाज के मीडिया प्रभारी पवन कंटान व विकास जागीरदार के अनुसार धर्मसभा से पूर्व आचार्य एवं पूर्वाचार्यों के चित्रों का अनावरण एवं दीप प्रज्ज्वलित करने का सौभाग्य स्थानीय समाज के लोगो को मिला।
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टोंक से अशोक शर्मा की रिपोर्ट
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