TONK //भगवान के अभिषेक कर आप आत्मा पर लगे कर्म रूपी मेल को दूर कर सकते हैं- आचार्य श्री वर्धमान सागर जी

वात्सल्य वारिधि पंचम पट्टाधीश 108 आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज ने टोंक की धर्म सभा में बताया की णमोकार मंत्र बहुत बड़ी निधि है,इस निधि की सुरक्षा आत्मा रूपी तिजोरी में धारण करके करें, तब जीवन में मंगल होगा। णमोकार मंत्र अनादिनिधन है जो अनंत काल तक चलेगा, इस मंत्र को मामूली या तुच्छ नहीं समझे णमोकार मंत्र शक्तिशाली मंत्र है। जीवन में प्रयोग , धारण कर जीवन को सार्थक करने का पुरुषार्थ करें। राजेश पंचोलिया के अनुसार आचार्य ने आगे बताया कि भगवान का प्रतिदिन सर्वांग अभिषेक होना चाहिए क्योंकि अभिषेक गुणों को धारण करने और स्वयं की आत्मा पर लगे कर्म रूपी मेंल को दूर करने के लिए किया जाता है।
बता दे की 27 जुलाई 2025 को होने वाली शांति समागम राष्ट्रीय पत्रकार संगोष्ठी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है।जिसमें देश के सभी पत्रकार आयेंगे। जिसमें पत्रकारों का सामाजिक समरसता में चरित्र चक्रवर्ती का योगदान, प्रथमाचार्य और उनके जीवन मूल्यों की वर्तमान में प्रासंगिता, प्रथमाचार्य शांति सागर जी महाराज का जैन दर्शन को अवदान आदि विषयों पर संगोष्ठी होगी।
आचार्य शांतिसागर शताब्दी महोत्सव के अंतर्गत मोहनलाल, पद्मचंद छामुनिया, रामवतार, हेमंत कुमार,मुकेश माधोपुरिया, पारसचंद, अनिल, सुनील सर्राफ, नारायण, किशन लकड़ा परिवार ने कलश स्थापित किए।
इस मौके पर मीडिया प्रकोष्ठ रमेश काला कमल सर्राफ, नीटू छामुनिया, पंकज फूलेता, ओम ककोड़, पंकज छामुनिया, सुमित दाखिया, अम्मू छामुनिया, अंशुल आरटी, उमेश संघी, पुनीत जागीरदार,अंकुर पाटनी, लोकेश कल्ली आदि समाज के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
टोंक से अशोक शर्मा की रिपोर्ट
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