TONK // संत समागम से मिलता है सच्चा सुख: आचार्य वर्धमान सागर जी

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TONK // आचार्य वर्धमान सागर जी बोले- देव, शास्त्र, गुरु दिखाते हैं धर्म की राह

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टोंक, जीवन में सुविधाजनक यात्रा करने के लिए आप मोबाइल गूगल का सहारा लेते हैं, इसी प्रकार सच्चे सुख का मार्ग संत समागम, देव, भगवान की प्रतिकृति आचार्य, साधु, परमेष्ठी, गुरुजनों से मिलता है। यद्यपि देव भगवान मौजूद नहीं हैं, किंतु उनकी जिनवाणी से भी हमें सही मार्ग पर चलने की राह मिलती है। इसी कारण कहा जाता है कि देव, शास्त्र, गुरु हमें धर्म की राह दिखाते हैं। संत समागम से हमें सज्जनता और आत्महित का मार्ग मिलता है। टोंक नगर को संघ का चातुर्मास भाग्य और पुण्य से प्राप्त हुआ है।

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नश्वर संसार में आपके साथ आपके कर्म पुण्य-पाप के रूप में जाते हैं, परिजन साथ नहीं जाते हैं। बच्चों को लौकिक संस्कार एवं धर्म की शिक्षा आप तभी दे सकते हैं जब माता-पिता स्वयं संस्कारित हों। यह धर्म देशना आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने श्री आदिनाथ जिनालय नसिया में प्रगट की। गुरु भक्त राजेश पंचोलिया के अनुसार, आचार्य श्री ने आगे प्रवचन में महत्वपूर्ण सूत्र बताया कि छोटे-छोटे नियम व्रत धारण करने से आप धर्म के मार्ग पर चल सकते हैं। इससे पुण्य प्राप्त होता है और आप सुखी रहते हैं।

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आचार्य श्री की धर्म देशना से पहले आर्यिका श्री देशनामति माताजी ने प्रवचन में बताया कि आप इच्छा-लालसा के कारण दुखी हैं। धर्मपूर्वक अर्थ पुरुषार्थ करना होगा। राग, द्वेष, मोह, विषय-भोगों के कारण कर्मों का बंध होता है। धर्म धारण कर 12 प्रकार के तप करने से कर्मों की निर्जरा होती है।

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समाज प्रवक्ता पवन कंठान एवं विकास जागीरदार ने बताया कि धर्म सभा के पूर्व श्री आदिनाथ भगवान का अभिषेक एवं शांतिधारा हुई। संघ चेत्यालय में आचार्य श्री के सानिध्य में श्रीजी का पंचामृत अभिषेक हुआ।
चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन के बाद आचार्य श्री के चरण प्रक्षालन कर जिनवाणी भेंट की गई। पूर्वाचार्यों को अर्घ्य समर्पित कर आचार्य श्री की पूजन की गई। प्रतिदिन देश के अनेक प्रांतों से सैकड़ों गुरुभक्त आचार्य श्री के दर्शन हेतु पधार रहे हैं। टोंक समाज द्वारा नगर की गरिमा अनुरूप सत्कार किया जाता है।

यह जानकारी राजेश पंचोलिया, इंदौर ने दी। संघ सानिध्य में दोपहर को स्वाध्याय तथा रात्रि में श्रीजी की आरती के बाद आचार्य श्री की आरती होती है। कल रात्रि को प्रथमाचार्य श्री शांतिसागर जी के जीवन पर राजस्थान के सलूंबर के जैन फिल्म निर्माता द्वारा फिल्मांकित वृत्तचित्र सभी ने मंत्रमुग्ध होकर देखा।

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टोंक से अशोक शर्मा की रिपोर्ट

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