Tonk// टोक जिले के समाजसेवी और धार्मिक विचारक तुगनाथ महादेव के किये दर्शन

Tonk// टोक जिले के समाजसेवी और धार्मिक विचारक तुगनाथ महादेव के किये दर्शन

राजस्थान से 14सदस्यीय दल के साथ टोक जिले के समाजसेवी और धार्मिक विचारक मुकेश खादवाल और चरणसिंह ने इस ट्रेक के साथ चन्द्रशिला ट्रेक
मे भाग लेते हुये बाबा तुगनाथ महादेव के दर्शन कर पुण्य कमाया ।

जो शिव मंदिर विश्व के पांच केदारों में गिना जाता है तुंगनाथ मंदिर यह उत्तराखंड के पंच केदारों में भी गिना जाता है। इस मंदिर के निर्माण के बारे में ऐसा कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध में हुए विशाल नरसंहार के बाद में भगवान शिव पांडवो से रूष्ट हो गए थे और उनको प्रसन्न करने के लिए पांडवो ने इस मंदिर का निर्माण कर उनकी उपासना की थी। नवंबर और मार्च के बीच के समय में यह मंदिर बर्फबारी के कारण बंद रहता है। इस मंदिर को लेकर एक मान्यता यह भी है कि रावण को मारने के बाद में भगवान श्री राम यहां आये थेऔर उन्होंने इस स्थान पर आकर भगवान शिव की तपस्या की थी।

मुकेश खादवाल ने अपने अनुभव बताते हुये कहा कि हम वहा पहुचने पर ऐसा अनुभव हुआ हमे ऐसा लगा कि हम धरती के स्वर्ग पर आनन्द की अनुभूति प्राप्त कर रहे है ।व हमनेतुंगनाथ उत्तराखण्ड के गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक पर्वत है। तुंगनाथ पर्वत पर स्थित है तुंगनाथ मंदिर, जो 3640 मीटर की ऊँचाई पर बना हुआ है और पंच केदारों में सबसे ऊँचाई पर स्थित है। यह मंदिर १,००० वर्ष पुराना माना जाता है और यहाँ भगवान शिव की पंच केदारों में से एक के रूप में पूजा होती है।
दुनिया के सबसे ऊँचे शिव मंदिरों में से एक है और यह भारत के उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित पाँच पंच केदार मंदिरों में सबसे ऊँचा है। तुंगनाथ (शाब्दिक अर्थ: चोटियों का स्वामी) पर्वत मंदाकिनी और अलकनंदा नदी घाटियों का निर्माण करते हैं।
दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित तुंगनाथ मंदिर है. यह समुद्र तल से 3,690 मीटर की ऊंचाई पर है. यह पांच पंच केदार मंदिरों में सबसे ऊंचा है. मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने कराया था।

उत्‍तराखंड में बना है सबसे ऊंचा शिवालय विश्व का सबसे ऊंचा यह शिव मंदिर उत्तराखंड में स्थित है। इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसका निर्माण पांडवों ने ही किया था। इस मंदिर का नाम तुंगनाथ मंदिर है। यह उत्तराखंड के रूद्र प्रयाग जिले में तुंगनाथ नामक एक पहाड़ पर ही बना हुआ है। पुराणों की माने तो ये मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है। इस मंदिर को बहुत प्राचीन माना जाता है। इसके विषय में कई मान्यताएं भी आम लोगों के बीच फैली हुई हैं। 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह शिवालय विश्व का सबसे ऊंचा शिवालय माना जाता है। जहा हमने तिरंगा के साथ पहुच कर वहा चोटी पर तिरंगा लहराते हुये सलामी दी वो ऐसा दृश्य हमारे लिये किसी स्वर्ग से कम नही रहा ।
उन्होंने बताया कि मंदिर के ऊपर जाने से पूर्व देवरिया ताल पर पहुचे जहा उस स्थान कि मान्यता है ऐसा माना जाता है कि साधु संत ऋषि मुनियों की तपोभूमि तपस्या पूर्व इस देवरिया ताल मे स्नान कल अपनी तपस्या मे लीन होते थे ।

टोक से अशोक शर्मा की रिपोर्ट

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