Rajasthan// मंदिर में मस्जिदों खोजने वालों से क्यों नाराज हैं मोहन भागवत; संघ के ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ पर वो सब कुछ जो जानना जरूरी है

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने 22 दिसंबर को अमरावती में ये बयान दिया। इससे पहले उन्होंने 19 दिसंबर को पुणे में कहा था कि हर दिन मंदिर-मस्जिद विवाद उठाया जाना सही नहीं है। अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग मानते हैं कि वे ऐसे मुद्दे उठाकर हिंदुओं के नेता बन जाएंगे।
पॉलिटिकल एक्सपर्ट और दिल्ली की अंबेडकर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर अभय दुबे कहते हैं, राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान भागवत ने जो हिंदुत्व टेक्नोलॉजी डेवलप की थी, उसका इस्तेमाल छोटे दल भी कर रहे हैं। ताजा उदाहरण सितंबर 2024 में अजमेर शरीफ की दरगाह का विवाद है। हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दरगाह के नीचे शिव मंदिर होने की बात कही। हिंदू सेना का संघ से कोई ताल्लुक नहीं है।
इसके बावजूद हिंदुत्व टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।अभय दुबे के मुताबिक हिंदुत्व का कोई कानूनी पेटेंट नहीं है। अगर अन्य दलों ने हिंदुत्व के नाम पर हिंसक आंदोलन शुरू कर दिए, तो संघ और BJP सरकार की छवि खराब हो जाएगी। दुनियाभर में हिंदुत्व को संघ के नाम से ही जाना जाता है, क्योंकि संघ ने ही हिंदुत्व को बढ़ावा दिया इसलिए मोहन भागवत हिंदुत्व को कंट्रोल करना चाहते हैं।
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