Rajasthan//बायतु विधायक हरीश चौधरी ने भाटी पर प्रतिक्रिया दिया कहा- ओरण से पवित्र कुछ नहीं; ओरण आंदोलन के माध्यम से राजनीति, व्यवसायिक मकसद नहीं हो ; संविधान में थप्पड़ का स्थान नहीं

बायतु विधायक हरीश चौधरी ने बईया गांव में चल रहे आंदोलन पर रविंद्र सिंह भाटी का बिना नाम लिए प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि- ओरण पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए, हमारी पीढ़ियों ने ओरण का संरक्षण किया है। ओरण शब्द और इसके माध्यम से किसी और मकसद चाहे राजनीति, व्यवसायिक या फिर विरोध का मकसद नहीं होना चाहिए। ओरण से पवित्र हमारे लिए कुछ भी नहीं है। थप्पड़काड के सवाल पर कहा कि थप्पड़ का संविधान में कोई स्थान नहीं है। अराजकता फैलाना अलग-अलग व्यक्ति की सोच है।
दरअसल, मोहनगढ़ लिफ्ट कैनाल का पानी बाड़मेर जिले को पर्याप्त पानी नहीं मिलने की समस्या व कृषि एवं घरेलू बिजली समस्या समाधान को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री व बायतु विधायक हरीश चौधरी गुरूवार देर शाम को जिला कलेक्टर टीना डाबी से मुलाक़ात की। गम्भीर समस्याओं से अवगत होकर तत्कालीन व्यवस्था कर आमजन को राहत दिलाने के सन्दर्भ में संवाद किया। इस दौरान चौधरी ने बताया कि जिले के ग्रामीण एरिया में रबी की सीजन शुरु होते ही बिजली की अघोषित कटौती ट्रिपिंग और सिंचाई के लिए निर्धारित पूरी बिजली निर्वाध रूप से नहीं मिलने के कारण खेती बर्बाद हो रही है। इसके बाद बायतु विधायक ने मीडिया से बातचीत भी की।
ओरण को लेकर चल रहे आंदोलन के सवाल पर बायतु विधायक हरीश चौधरी ने पहले कहा कि इसको लेकर और कभी चर्चा करेंगे। आज के समय में इंसान को सबसे पहले किसी चीज की जरूरत है तो वह है पेयजल के संबंध में है। आज बाड़मेर के किसान को बिजली नहीं मिल रही है तो किसान खून के आंसू रो रहे है। उनके दर्द और तकलीफ हम लोग समझाना चाहे हम सबको समझना चाहिए। बाकी भी बहुत इश्यू है। ओरण एक इश्यू नहीं है। आज कम से कम 1 हजार इश्यू बाड़मेर में है। वो सभी महत्वपूर्ण है लेकिन आज सबसे महत्वपूर्ण बाड़मेर के किसानों को लाइट सप्लाई और पेयजल की सप्लाई होनी चाहिए।
बायतु विधयाक ने कहा कि यह आंदोलन अलग चीज है। मैं एक ही बात साझा करता हूं यह समझने की जरूरत है। बीते 5 सालों में 30 हजार बीघा राजस्व रेकर्ड के अंदर जैसलमेर में ओरण में दर्ज किए गए थे। उस 5 सालों के अंदर ओरण मीडिया के अंदर चर्चा नहीं हुई। ओरण के संबंध में विवाद नहीं हुआ। आंदोलन नहीं हुए। बीते एक साल से हम लोग चर्चा, विवाद में और आंदोलन में ओरण को लेकर आ रहे है। ओरण के संरक्षण का पहला कदम ओरण का राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाना है। हम लोगों की सरकार थी मैं राजस्व मंत्री था तब 30 हजार ओरण दर्ज हुई। इससे पहले राजस्व रिकॉर्ड में कितनी हुई है यह रिकॉर्ड देख लो।
विधायक ने शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी का बिना लिए कहा कि- सामूहिक तौर पर प्रयास यह करना चाहिए हम लोगों को ओरण को लेकर विवाद नहीं करें हमारी पीढ़ियों ने ओरण का संरक्षण किया है। ओरण शब्द और इसके माध्यम से किसी और मकसद से चाहे वो राजनीति, व्यवसायिक, किसी का विरोध करना मकसद नहीं हो। ओरण से पवित्र हमारे लिए कुछ भी नहीं है। अध्यात्मिक और धार्मिक महत्व के रूप में ओरण है। हमारे यहां पर मंदिर नहीं हुआ करते थे। यह ओरण ही थी जिसका धार्मिक तौर पर पूजते थे। यह बात समझ में आ जाएगी तो आपकी बात का पूरा उतर आ जाएगा।
थप्पड़कांड पर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा था कि एक नहीं तीन थप्पड़ मारने चाहिए इस सवार विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि यह उनकी सोच है। इस लोकतांत्रिक व्यवस्था, संविधान के अंदर थप्पड़ का किसी को अधिकार नहीं है। संवैधानिक अधिकार के तौर पर उपयोग करके जनप्रतिनिधि तौर पर समाज को दिशा दो। जो संवैधानिक अधिकार नहीं है उसके माध्यम से अराजकता फैलाओं यह अलग-अलग व्यक्ति का अपनी-अपनी सोच है। थप्पड़ का कई पर स्थान नहीं है, कोई गलत कर रहा है तो उसका प्रावधान है। कई अधिकारी नौकरी से बर्खास्तगी हुई है इस देश के अंदर। गलत किया है तो संवैधानिक माध्यम से कार्रवाई होनी चाहिए।
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