Prayagraj// पौष पूर्णिमा के पावन स्नान से महाकुंभ 2025 का शुभारंभ

13 जनवरी 2025 लखनऊ।
13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के पावन स्नान के साथ ही विश्वविख्यात महाकुंभ प्रयागराज 2025 का भव्य शुभारंभ हो गया। 12 जनवरी की रात से ही तीर्थराज प्रयागराज में श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था, जो रातभर अनवरत जारी रहा। आस्था, विश्वास और श्रद्धा से ओतप्रोत संगम नगरी में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाने के लिए उमड़ पड़े।
प्रयागराज, जो उत्तर प्रदेश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला है, 13 जनवरी के मध्याह्न तक वहां की जनसंख्या से कई गुना अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके थे। मान्यता के अनुसार, किसी शुभ कार्य से पहले वर्षा होना सौभाग्य का संकेत माना जाता है। ऐसा ही दृश्य महाकुंभ 2025 के शुभारंभ पर देखने को मिला, जब प्रथम स्नान से एक दिन पूर्व ही भगवान ने बारिश के माध्यम से इस आयोजन को अमृतमयी आशीर्वाद प्रदान किया।
महाकुंभ: आस्था, संस्कृति और एकता का संगम
महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “एकता का महाकुंभ” कहा है, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे ऐसा दिव्य आयोजन बताया, जहां सभी भेदभाव समाप्त हो जाते हैं।
यह आयोजन भारत की विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को एक ही स्थान पर देखने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। यहां केवल लघु भारत नहीं, बल्कि एक वृहद भारत का दर्शन होता है। लाखों श्रद्धालु और अनेक देशों के पर्यटक इस महाकुंभ के अद्भुत आकर्षण से प्रेरित होकर प्रयागराज पहुंच रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की तैयारियां
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ को दिव्य, भव्य, स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। हर विभाग ने अपनी योजनाओं को धरातल पर उतारते हुए श्रद्धालुओं का स्वागत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। तीर्थराज प्रयागराज आने वाले सभी भक्तों और पर्यटकों को इस बार नए और उन्नत प्रयागराज का अनुभव भी होगा।
144 वर्षों के विशेष खगोलीय संयोग के कारण इस महाकुंभ को और भी अधिक फलदायी माना जा रहा है। यह न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का एक दिव्य मंच भी है।
महाकुंभ 2025 में श्रद्धा और संस्कृति की त्रिवेणी में डुबकी लगाने का यह अवसर न चूकें। अपनी परंपराओं, आस्थाओं और विरासत से जुड़ने के लिए आज ही संगम नगरी प्रयागराज पधारें और इस अद्वितीय आयोजन का हिस्सा बनें।
महाकुम्भ प्रयागराज 2025 के प्रथम अमृत स्नान पर्व पौष मास की पूर्णिमा पर पवित्र संगम में साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों ने किया अमृत स्नान
सायं तक 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया
कड़ाके की ठंड होने के बावजूद श्रद्धालुओं / स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं
पूरे देश की विविध संस्कृतियों की झलक महाकुम्भनगर में देखने को मिल रही
महाकुम्भ पर्व विश्वबन्धुत्व की भावना के साथ जीवन के नैतिक मूल्यों तथा आदर्शों के रक्षण हेतु निरन्तर विश्व मंगल की ओर अग्रसर
महाकुम्भ में आने वाले स्नानार्थियों, तीर्थयात्रियों, साधु-संतो के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए मेडिकल टीम के साथ चिकित्सालयों की स्थापना की गयी
पूरे महाकुम्भ क्षेत्र में साफ-सफाई की खास व्यवस्था, सफाई के दृष्टिकोण से 850 समूहों में…
पर्व पर श्रद्धालुओं पर कराई पुष्पवर्षा, अभिभूत श्रद्धालु बोले – जय श्री राम
स्नान पर्व पर सभी घाटों और अखाड़ों पर हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा
सभी स्नान पर्वों पर पुष्पवर्षा की योगी सरकार की है तैयारी
संगम तट पर पुष्पवर्षा से अभिभूत श्रद्धालुओं ने लगाए जय श्री राम के नारे
13 जनवरी, महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा स्नान के दिन सोमवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे श्रद्धालुओं पर योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई। हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई। गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम के नारे लगाए।
महाकुम्भ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं पर स्नान पर्वों के मौके पर पुष्प वर्षा को लेकर योगी सरकार के निर्देश पर उद्यान विभाग ने पिछले काफी समय से तैयारी कर रखी थी। इसके लिए गुलाब की पंखुड़ियों की खास तौर पर व्यवस्था की गई थी। महाकुम्भ के सभी स्नान पर्वों पर पुष्प वर्षा कराने की तैयारी की गई है। प्रत्येक स्नान पर्व पर लगभग 20 कुंतल गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश करने की तैयारी है, जिसकी श्रृंखला में पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा स्नान पर सोमवार को श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं गई।
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