Jaipur //19 दिन के शिशु का टंकी में मिला शव:कमरे में दादी के पास सो रहा था; बुआ बोली, भाई-भाभी शादी के 8
Jaipur 19 दिन के शिशु का टंकी में मिला शव:कमरे में दादी के पास सो रहा था; बुआ बोली, भाई-भाभी शादी के 8 साल बाद बने थे पैरेंट्स
jaipur
नीमकाथाना में घर के बाहर रखी पानी की टंकी में 19 दिन के नवजात बच्चे का शव मिला है। बच्चा घर में अपनी दादी के पास सो रहा था। देर रात दादी की नींद खुली तो बच्चा नहीं मिला। परिवार ने तलाश की तो टंकी में मिला।
डाबला थानाधिकारी राजवीर सिंह ने बताया- पाटन के रहने वाले कृष्ण कुमार के बेटे का शव मिलने की सूचना मंगलवार रात 2:35 पर मिली थी। मौके पर जाकर शव को सरकारी जीलो हॉस्पिटल लेकर गए। आज सुबह करीब 12.30 बजे मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। आज सुबह भी डाबला पुलिस के साथ खेतड़ी थानाधिकारी सरदारमल व एफएसएल की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का मौका मुआयना किया। बच्चे के पिता ने हत्या का मामला दर्ज करवाया है। पिता से किसी से रंजिश या दुश्मनी होने से इंकार किया है।
बच्चे के पिता ड्यूटी पर थे बच्चे के पिता रतनगढ़ में फायर बिग्रेड में नौकरी करता है। वह रात को ड्यूटी पर था। परिवार की जानकारी पर वे घर पहुंचे। घटना के समय घर में बच्चे के दादा बचना राम, दादी मेवा देवी, मां सरोज देवी, ताऊ नाथ सैनी और दो बुआ पिंकी व आशा थे। बच्चे के दादा खेती करते है।
शादी के 8 साल बाद घर में आई थी खुशी बच्चे की बुआ पिंकी ने बताया- शादी के 8 साल बाद भाई कृष्ण कुमार और भाभी सरोज देवी के बच्चा हुआ था। भाभी की सिजेरियन डिलेवरी 4 अक्टूबर को हुई थी। मंगलवार रात 10 बजे मेरी मां मेवा देवी, पिता पचनाराम, बहन आशा खाना खाकर सो गए थे।
भाभी के साथ कमरे में मेरी मां मेवा देवी सो रही थी। बच्चा मेरी मां के पास था। रात करीब 12 बजे मां की आंख खुली, उन्होंने देखा तो बच्चा नहीं था। मां के शोर मचाने पर सभी जागे। घर के कमरों, छत और बाहर देखा लेकिन भतीजा नहीं मिला।
टंकी के अंदर देखा तो बच्चा मिला बुआ ने बताया- उसने मंगलवार शाम को घर के बाहर रखी प्लास्टिक की पानी की टंकी भरकर ढक्कन लगाया था। बच्चे को ढूंढते हुए ढक्कन खुला मिला। उसे बंद करने गई। अंदर झांकने पर भतीजा दिखाई दिया। भतीजे को देखते ही मेरी चीख निकल गई। आवाज सुनकर परिवार के लोग बाहर आए और टंकी को खाली कर बच्चे को बाहर निकाला।
बेटे को पुकारती रही मां बच्चे की माता सरोज देवी की सिजेरियन डिलीवरी हुई थी। वह बेड रेस्ट पर थी। परिजनों ने बताया – बच्चे के गुम होने का पता लगते ही उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। वह बार-बार अपने बेटे को पुकार रही है। बच्चे का शव मिलते ही वह बेसुध हो गई। घर की महिलाओं ने उसे संभाला लेकिन वह रोते-रोते बेटे को पुकारती रही।
परिजन और ग्रामीण धरने पर बैठे ग्रामीण आज सुबह हॉस्पिटल में इक्ट्ठा हो गए। उन्होंने हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की और सड़क पर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने ग्रामीणों से समझाइश की। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाने और मामले में जल्द कार्रवाई करने की बात कहीं। जिसके बाद ग्रामीणों ने धरना हटाया।
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साल बने थे पैरेंट्स
नीमकाथाना में घर के बाहर रखी पानी की टंकी में 19 दिन के नवजात बच्चे का शव मिला है। बच्चा घर में अपनी दादी के पास सो रहा था। देर रात दादी की नींद खुली तो बच्चा नहीं मिला। परिवार ने तलाश की तो टंकी में मिला।
डाबला थानाधिकारी राजवीर सिंह ने बताया- पाटन के रहने वाले कृष्ण कुमार के बेटे का शव मिलने की सूचना मंगलवार रात 2:35 पर मिली थी। मौके पर जाकर शव को सरकारी जीलो हॉस्पिटल लेकर गए। आज सुबह करीब 12.30 बजे मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। आज सुबह भी डाबला पुलिस के साथ खेतड़ी थानाधिकारी सरदारमल व एफएसएल की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का मौका मुआयना किया। बच्चे के पिता ने हत्या का मामला दर्ज करवाया है। पिता से किसी से रंजिश या दुश्मनी होने से इंकार किया है।
बच्चे के पिता ड्यूटी पर थे बच्चे के पिता रतनगढ़ में फायर बिग्रेड में नौकरी करता है। वह रात को ड्यूटी पर था। परिवार की जानकारी पर वे घर पहुंचे। घटना के समय घर में बच्चे के दादा बचना राम, दादी मेवा देवी, मां सरोज देवी, ताऊ नाथ सैनी और दो बुआ पिंकी व आशा थे। बच्चे के दादा खेती करते है।
शादी के 8 साल बाद घर में आई थी खुशी बच्चे की बुआ पिंकी ने बताया- शादी के 8 साल बाद भाई कृष्ण कुमार और भाभी सरोज देवी के बच्चा हुआ था। भाभी की सिजेरियन डिलेवरी 4 अक्टूबर को हुई थी। मंगलवार रात 10 बजे मेरी मां मेवा देवी, पिता पचनाराम, बहन आशा खाना खाकर सो गए थे।
भाभी के साथ कमरे में मेरी मां मेवा देवी सो रही थी। बच्चा मेरी मां के पास था। रात करीब 12 बजे मां की आंख खुली, उन्होंने देखा तो बच्चा नहीं था। मां के शोर मचाने पर सभी जागे। घर के कमरों, छत और बाहर देखा लेकिन भतीजा नहीं मिला।
टंकी के अंदर देखा तो बच्चा मिला बुआ ने बताया- उसने मंगलवार शाम को घर के बाहर रखी प्लास्टिक की पानी की टंकी भरकर ढक्कन लगाया था। बच्चे को ढूंढते हुए ढक्कन खुला मिला। उसे बंद करने गई। अंदर झांकने पर भतीजा दिखाई दिया। भतीजे को देखते ही मेरी चीख निकल गई। आवाज सुनकर परिवार के लोग बाहर आए और टंकी को खाली कर बच्चे को बाहर निकाला।
बेटे को पुकारती रही मां बच्चे की माता सरोज देवी की सिजेरियन डिलीवरी हुई थी। वह बेड रेस्ट पर थी। परिजनों ने बताया – बच्चे के गुम होने का पता लगते ही उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। वह बार-बार अपने बेटे को पुकार रही है। बच्चे का शव मिलते ही वह बेसुध हो गई। घर की महिलाओं ने उसे संभाला लेकिन वह रोते-रोते बेटे को पुकारती रही।
परिजन और ग्रामीण धरने पर बैठे ग्रामीण आज सुबह हॉस्पिटल में इक्ट्ठा हो गए। उन्होंने हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की और सड़क पर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने ग्रामीणों से समझाइश की। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाने और मामले में जल्द कार्रवाई करने की बात कहीं। जिसके बाद ग्रामीणों ने धरना हटाया।
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