BIKANER // नई दिल्ली में आयोजित हुई ‘अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशनः लेइंग दा फाउण्डेशन’ विषयक कार्यशाला।

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BIKANER // जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने जिले के नवाचार ‘मिशन निर्माण’ पर दिया प्रस्तुतीकरण।

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जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के शाला पूर्व शिक्षा के लिए नवाचार है ‘मिशन निर्माण’

BIKANER // बीकानेर जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यशाला में जिले के नवाचार ‘मिशन निर्माण’ पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया। सभी प्रतिभागियों ने जिले के इस नवाचार को सराहा।
जिला कलक्टर ने बताया कि ‘अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशनः लेइंग दा फाउण्डेशन’ विषय पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन मे कार्यशाला का आयोजन गुरुवार को हुआ। इसमें केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव सुश्री पुण्य सलीला श्रीवास्तव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव अनिल मलिक, केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव संजय कुमार, निःशक्तजन विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल तथा नीति आयोग के सदस्य डाॅ. विनोद के. पाॅल सहित विभिन्न अंतराष्ट्रीय-राष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अलग-अलग विषयों पर अपनी बात रखी।

BIKANER // इस कार्यशाला में प्रदेश की ओर से महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री महेन्द्र सोनी तथा निदेशक वासुदेव मालावत के अलावा जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि ने भागीदारी निभाई। वृष्णि ने जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के शाला पूर्व शिक्षा के लिए नवाचार के रूप में चलाए गए ‘मिशन निर्माण’ का प्रस्तुतीकरण दिया, जिसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव सहित सभी ने सराहा।
जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में संचालित 1 हजार 537 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चे समेकित बाल विकास सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। यह बच्चे खेल-खेल में स्मार्ट तरीके से प्री-स्कूलिंग ज्ञान हासिल कर सकें, इसके मद्देनजर सभी केन्द्रों पर भामाशाहों के सहयोग से स्मार्ट टीवी उपलब्ध करवाए गए। बच्चों के लिए प्री-स्कूलिंग पाठ्यक्रम का निर्धारण किया गया तथा हार्ड डिस्क एवं पैन ड्राइव के माध्यम से यह सामग्री केन्द्रों के मानदेय कर्मियों को उपलब्ध करवाई गई।

सभी मानदेय कर्मियों को स्मार्ट टीवी और हार्ड डिस्क संचालन का प्रशिक्षण दिया गया। बाल विकास परियोजना अधिकारियों और महिला पर्यवेक्षकों का आमुखीकरण भी किया गया। इन कर्मियों द्वारा पाठ्यक्रम के अनुसार प्रसारण नियमित रूप से किया गया, जिससे बच्चों के आधारभूत ज्ञान में वृद्धि हुई। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को जिला स्तर पर आयोजित भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में हुनर दिखाने का अवसर दिया गया।
बच्चों से जुड़ा फीडबैक अभिभावकों तक पहुंचाने के उद्देश्य से ‘पेरेंट्स आंगनबाड़ी मीटिंग’ की शुरुआत की गई। केन्द्र वार पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों का व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर आवश्यक गतिविधियां साझा की गई। ब्लाॅक एवं जिला स्तर पर इनकी माॅनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। जिला कलक्टर ने बताया कि इन सभी प्रयासों से बच्चों को प्री-स्कूलिंग वातावरण मिला है और बच्चे कविताओं, गीतों, पहेलियों, कहानियों और चित्रों के माध्यम से नया ज्ञान अर्जित कर रहे हैं।

बीकानेर से जोगेंद्र इंदलिया की रिपोर्ट

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