BARAN // इलाज नहीं, मौत मिलती है!

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BARAN // कवाई में गरीबों की जान से खिलवाड़

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कवाई में गरीबों की जान से खिलवाड़! राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य दावों की पोल खोलती एक सनसनीखेज रिपोर्ट। बारां जिले के कवाई कस्बे का सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) किसी इलाज केंद्र से कम और बीमारियों के कीचड़ भरे तालाब जैसा ज्यादा लगता है।सांसें थम जाएंगी, लेकिन इनकी गंदगी नहीं!अस्पताल में पीने के पानी की टंकियों का हाल देख कर किसी भी समझदार आदमी का दिल दहल जाएगा।

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ढक्कन गायब हैं और पानी की सतह पर काली-काली काई और गंदगी की मोटी परतें जमी हुई हैं। यह पानी सीधे उन मरीजों को परोसा जा रहा है, जो पहले से ही बीमारियों से लड़ रहे हैं। क्या स्वास्थ्य विभाग यह मानता है कि बीमार शरीर को गंदा पानी पिलाकर ठीक किया जा सकता है? या यह जानते-बूझते लोगों को मौत के कुएं में धकेलने की साजिश है?लापरवाही की इंतहा: सरकारी अस्पताल या परित्यक्त गोदाम, अस्पताल की अव्यवस्था देखकर लगता है कि इसे भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। डॉक्टरों की भारी कमी है, सिर्फ दो-तीन डॉक्टर 600-700 मरीजों की रोज बढ़ती भीड़ को संभालने की कोशिश कर रहे हैं।

यहां तक कि एक ईसीजी मशीन तक नहीं है और न ही उसे चलाने वाला कोई टेक्नीशियन। पर्ची काउंटर से लेकर दवा वितरण तक, हर जगह लंबी कतारें लगी हैं, जहां मरीज घंटों-घंटों धूप में खड़े रहकर परेशान हो रहे हैं। यह सब सरकारी लापरवाही और उदासीनता का जीता-जागता सबूत है।महिलाएं होती हैं शर्मसार, सरकार सो रही है

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बारां से राजेश कुमार मंगल की रिपोर्ट

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