BANSWARA // स्वास्थ्य भवन में हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक

BANSWARA // सेक्टर मीटिंग में आशाओं का प्रशिक्षण अनिवार्य, एन्कवास के लिए टीमें होगी तैयार

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BANSWARA – जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक स्वास्थ्य भवन में बुधवार को हुई। जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव ने सेक्टर मीटिंग में अनिवार्य रूप से आशाओं का प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जिलास्तर से इसके मॉडयूल तैयार करने के निर्देश दिए। जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने कहा कि एक्वास प्रमाणीकरण से क्वालिटी में सुधार होता है। इसलिए सभी बीसीएमओ इसके लिए प्रयास शुरू करे। उन्होंने अधिक से अधिक संस्थानों को प्रमाणीकरण के लिए तैयार करने के निर्देश दिए। डॉ. यादव ने कहा कि सभी बीसीएमओ सबसे पहले हर ब्लॉक से पांच-पांच संस्थान चयन कर इसके लिए प्रयास शुरू करे। इसके पश्चात बारी-बारी से संस्थानों का चयन किया जाए और पूरे जिले में 50 फीसदी संस्थानों का एन्कवास के लिए प्रमाणीकरण जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में संयुक्त निदेशक डॉ. प्रकाशचंद्र शर्मा भी मौजूद रहे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खुशपाल सिंह राठौड़ ने कहा कि ब्लॉक मीटिंगों में समीक्षा के साथ आशाओं को प्रशिक्षण के दौरान अनिवार्य रूप से चिकित्सा अधिकारी की मौजूदगी रहे। ताकी प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनी रहे।

अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भरतराम मीणा ने मां योजना की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में जुलाइ्र से सितंबर तक में एक करोड़ 87 लाख 710 रूपए के पैकेज बुक किए है। इसके लिए 12 हजार 628 पैकेज बुक किए गए है। उन्होंने इसके अलावा परिवार कल्याण सबंधित कार्यक्रमों की भी समीक्षा की। उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राहुल डिंडोर ने मौसमी बीमारियों के लिए ओडीके एप पर चर्चा की। उन्होंने हर रविवार को घरों में सुखा दिवस बनाने की अपील की। कहा कि जहां-जहां पानी जमा होता है वहां पर सप्ताह में एक दिन उस जगह की सफाई कर सुखाया जाए। ताकी मच्छरों का प्रकोप नहीं बढ़े। उन्होंने इसके साथ ही एनसीडी संबंधित कार्यक्रम की समीक्षा की। जिला शिशु एवं प्रजनन अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार भाबोर ने लाडो प्रोत्साहन योजना में प्रथम स्टॉलमेंट लाभार्थियांे के लाभांवित होने की जानकारी दी। उन्होंने साथ ही प्रसव संबंधित कार्यक्रमों की समीक्षा की। महात्मा गांधी जिला अस्पताल से डॉ. वीके जैन ने एक्वास को लेकर कहा कि प्रमाणीकरण के लिए बिल्डिंग पुरानी हो तो यह कोई समस्या नहीं है। क्योंकि इसमें ज्यादा वेटेज सेवा और सुविधा को दिया गया है। उन्होंने कहा कि चेकलिस्ट के अनुसार हर कार्य किया जाए। वहीं 70 फीसदी तक अंक लाने पर भी संस्थान प्रमाणीत हो जाती है। बैठक में सल्लपोटा चिकित्सा अधिकारी और गागड़तलाई बीसीएमओ डॉ. भगत सिंह तंबोलिया ने एएनसी को लेकर अपने अनुभव साझा किए।

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बांसवाड़ा से मुकेश पाटीदार की रिपोर्ट

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