BANSWARA // शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनुसंधान ही व्यावहारिक रास्ता – विशेषज्ञ

बांसवाड़ा जिले के गढ़ी स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में शैक्षिक अनुसंधान कार्यशाला का दूसरा दिवस आयोजित हुआ। इस अवसर पर सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक शंभुलाल नायक ने कहा कि शिक्षकों को शैक्षिक समस्याओं और नवाचारों से हमेशा जुड़े रहना चाहिए और इन्हें विद्यालय स्तर तक लागू करना बेहद जरूरी है।
प्राचार्य देवेंद्र पाटीदार ने बताया कि शैक्षिक अनुसंधान शिक्षा में आने वाली चुनौतियों का व्यावहारिक समाधान है। हर शिक्षक को शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए धरातल पर काम करना होगा। वहीं प्रभागाध्यक्ष जय प्रकाश नागर ने जानकारी दी कि इस शैक्षिक सत्र में डर्फ स्तरीय, प्रभाग स्तरीय, जिला स्तरीय, केस स्टडी और क्रियात्मक अनुसंधान के रूप में कुल 20 शोध कार्य किए जाएंगे। इनसे जिले की शैक्षिक, सह-शैक्षिक और भौतिक परिस्थितियों पर शोध किया जाएगा।
इस अवसर पर शोध मेंटोर उपाचार्य कमलेश जैन, डॉ. सुभाष जोशी, प्रधानाचार्या शमिम कुरैशी और शोधार्थी डॉ. मिलन शर्मा, भूपेंद्र जोशी, राजेंद्र शर्मा, हेमेंद्र गायरी, वीणा जोशी, सूर्यकरण सोनी, अनिल चौधरी, नीरज पाठक, रोहितेश आमलिया, सुमित शर्मा, जितेंद्र पंड्या और हेमांग दवे मौजूद रहे। इन सभी ने अतिथियों का स्वागत किया और विभिन्न शैक्षिक समस्याओं पर विचार-विमर्श किया।
https://www.facebook.com/profile.php?id=61566375107356
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुभाष जोशी ने किया और आभार उपाचार्य कमलेश जैन ने व्यक्त किया।
https://www.instagram.com/thechanakyatvrajasthan15/
बांसवाड़ा से मुकेश पाटीदार की रिपोर्ट।
TONK // हनुमान बेनीवाल की टिप्पणी पर भड़का यादव समाज
BARAN // पथ संचलन में बाधा डालने का आरोपी गिरफ्तार, 2 अन्य डिटेन