BANSWARA // गढ़ी विधायक कैलाश मीणा को सौंपा ज्ञापन, टोल शुल्क में छूट की मांग

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BANSWARA // अरथूना क्षेत्रवासियों का विरोध, कहा—ट्राइबल एरिया में टोल वसूली गरीब किसानों पर अतिरिक्त बोझ

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BANSWARA – गढ़ी विधायक केलाश मीणा को क्षेत्र वासियों ने ज्ञापन सौंपा स्टेट हाईवे 10 ए पालोदा से मानगढ़ के टोल बुथ आंजना से 20 कि.मी. परीक्षेत्र यह कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा अरथुना तहसील जिला बांसवाडा के सैनाला गांव के पास टोल बुध स्थापित किया गया है। एव दिनांक 01.08.2025 से संचालन भी प्रारंभकर दिया है।यह कि उक्त पुरा क्षेत्र ट्राईबल एरीया है तथा रोजमर्रा की आवश्यकताओं को लेकर क्षेत्र वासी आस पास के क्षेत्र में आना जाना करते है जिनको उक्त टोल बुथ से गुजरना पकता है। इनमें से बहुसंख्यक लोग न्युनतम 5 से 10 कि.मी. सड़क का उपयोग करते है उनसे टोल वसुली अन्याय ही है।

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BANSWARA – टोल के 20 कि.मी. की परीधी के बच्चे प्रतिदिन अध्ययन हेतु विद्यालय के वाहन एवं महाविद्यालयों में आते जाते रहते है। बैरोजगार व्यक्ति अपनी आजीवीका के लिए अपने छोटे मोटे संसाधनों को लेकर आजीवीका के लिए आस पास के क्षेत्र में रोजगार के लिए आते जाते रहते है। तथा कृषि संबंधी कार्य हेतु कृषक वर्ग भी आये दिन परतापुर, बांसवाडा, सागवाडा, आदी बडे कस्बों में आते जाते रहते है। साथ ही रोज राजकीय कर्मचारी अपनी सेवाए देने के लिए आस पास के क्षेत्र में पवरिवहन करते रहते हैं। उक्त तभी प्रकार के नागरीको को उक्त टोल बूथ से गुजरना होता है जहा पर वर्तमान में प्रति बावागमन का शुल्क भारी मात्रा में वसूल किया जा रहा है जो क्षेत्रवासीयो पर अतिरिक्त भार स्वरूप है। क्योकि उक्त समस्त कार्यों हेतु क्षेत्रवासीयो को प्रतिदिन एवं कभी कभी दिन में कई बार उक्त टोल बुथ से गुजरना पड़ता है।

यह कि उक्त 20 कि.मी. परीक्षेत्र वासीयों में टोल वसुली को लेकर भारी असंतोष एवं रोष व्याप्त है। राजस्थान सरकार से भी क्षेत्र को विज्ढा मानकर विषेश नियम व आर्थिक बजट जारी किया जाता है। अतः उका मानको के आधार पर छूट दी जाए। हमारे क्षेत्रवासी अधिकतर किसान वर्ग से है जो आर्थिक आधार से पिछडे हुए है उनके द्वारा इस प्रकार का शुल्क चुकाना मुश्किल है।

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इस क्षेत्र की सामान्य एवं जनजाति की अधिकतर आबादी आर्थिक रूप से पिछडी है इसलिए सरकार ने विशेष परिस्थितियों को स्वीकार करते हुए विशेष मूल निवासी मानकर राज्य के अन्य दौत्र से हटकर अलग से आरक्षण दिया है टोल शुल्क में छूट दी जाए। इस क्षेत्र के 20 कि.मी. परिक्षेत्र में कोई विशेष उद्योग भी नहीं है जिस कारण बाहर के बाहनों का आवागमन भी नहीं है जिस कारण टोल शुल्क केवल स्थानीय गरीब कृषक एवं जनता पर ही डाला जा रहा है।

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