ALWAR // भक्ति, परंपरा और प्रकृति का संगम — बाबा भर्तृहरी की तपोभूमि पर वृक्षारोपण कर दी गई महंत मदननाथ को सच्ची श्रद्धांजलि

अलवर में जहाँ भक्ति में समर्पण हो, परंपरा में मूल्य हों और प्रकृति में जीवन — वहीं सच्चे श्रद्धा के बीज पनपते हैं। बाबा भर्तृहरी की पावन तपोस्थली पर ऐसा ही पवित्र दृश्य देखने को मिला, जब स्व. महंत मदननाथ पुजारी की प्रथम पुण्यतिथि पर उनके सुपुत्र महंत कल्लू योगी एवं लीलू पुजारी ने वृक्षारोपण कर एक भावनात्मक श्रद्धांजलि दी। “पेड़ लगाकर पिताजी को किया नमन” बरगद, पीपल, नीम और आम जैसे छायादार व फलदार पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया।

इस अवसर पर कल्लू योगी भावुक होते हुए बोले पिताजी कहा करते थे कि प्रकृति से प्रेम करना ही सच्ची साधना है। आज हम उन्हें पौधों में जीवित रखने का संकल्प लेकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
पिताजी जीवनभर सेवा, साधना और समाज कल्याण में समर्पित रहे। यह वृक्षारोपण उन्हीं की शिक्षाओं का विस्तार है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनेगा। यह आयोजन सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक जीवंत परंपरा की पुनर्स्थापना है जिसमें भक्ति, पर्यावरण और सामाजिक चेतना का समन्वय दिखाई देता है। इस मौके पर सुरेश नाथ, सेवा नाथ, अमर नाथ, लीला जाट, ओमनाथ, जगदीश सहित उपस्थित है।
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अलवर से शक्ति सिंह प्रजापति की रिपोर्ट