ALWAR // अलवर में बोरिंग योजना पर भड़के ग्रामीण, जलस्रोत बचाने के लिए महापंचायत की तैयारी – आंदोलन तेज होने के संकेत

ALWAR – अलवर जिले की प्रसिद्ध सिलीसेढ़ झील, जिसकी लंबाई करीब 3 किलोमीटर और गहराई लगभग 29 फीट बताई जा रही है, बोरिंग के माध्यम से पानी अलवर शहर तक ले जाने की योजना का ग्रामीणों ने तीव्र विरोध किया।
इस मुद्दे को लेकर सिलीसेढ़ तिराहे के पास में सौदानपूरा सरपंच निहाल सिंह गुर्जर के निवास पर एक महत्वपूर्ण ग्रामीण बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में पार्षद सुरज्ञानी मीणा और पंचायत समिति उमरैण के उपप्रधान महेश सैनी आस पास के अनेक गांवों के किसानों समेत अनेक जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि “किसी भी हालात में सिलीसेढ़ झील से अलवर शहर में पानी नहीं ले जाने दिया जाएगा।”
ग्रामीणों का कहना है कि सिलीसेढ़ झील इस क्षेत्र के लिए पारंपरिक जलस्रोत है, जिससे आसपास के गांवों की पानी पीने और सिंचाई की आवश्यकताएं पूरी होती हैं। अगर झील से पानी अन्यत्र ले जाया गया, तो क्षेत्र में जलसंकट की दिक्क्त हो सकती है। इस आंदोलन को और व्यापक बनाने के लिए गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में प्रचार किया जा रहा है। ग्रामीणों ने जानकारी दी है कि कल एक बड़ी महापंचायत आयोजित की जाएगी, जिसमें हजारों लोगों के जुटने की संभावना है। इसके लिए विभिन्न गांवों से लोगों को वाहनों के माध्यम से लाया जाएगा।
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अलवर से शक्ति सिंह प्रजापति की रिपोर्ट