ALWAR // अलवर के पीला ढाबा गांव में सरपंच सुनीता यादव ने सुलझाया वर्षों पुराना विवाद, दो पक्षों को जोड़ने वाला रास्ता बना भाईचारे और भरोसे की मिसाल

अलवर जिले में ढाकपुरी के पीला ढाबा गांव में वर्षों से उलझा एक रास्ता। जो कभी दो दिलों के बीच दीवार बन गया था। अब सौहार्द, प्रेम और समझ का सेतु बन गया है। इस ऐतिहासिक परिवर्तन के पीछे गांव की सरपंच सुनीता राजेश यादव ने एक समस्या को हल किया। साथ ही दो पक्षों के बीच रिश्तों की नई राह भी खोली।

कहते हैं, जब इरादे नेक हों और दिलों में प्रेम हो, तो कोई भी विवाद ज्यादा दिन नहीं टिकता। सरपंच सुनीता ने ठीक यही किया। गांव के बुजुर्ग पंच-पटेलों और दोनों पक्षों को साथ बिठाया। हनुमान मंदिर पीला ढाबा से हल्दीना की सीमा तक तय किया गया रास्ता। अब केवल एक पगडंडी नहीं। भरोसे और सहयोग का प्रतीक भी बन गया।
इस मिठास भरे पल को और खास बनाने के लिए बरेली से लाया गया गुड़। जब सबके मुंह में गया। मानो गांव की फिजाओं में मिठास घुल गई। सरपंच सुनीता का यह कदम गांव के दिलों को और करीब ले आया। जैसे बारिश के बाद धरती की खुशबू हर कोने को महका देती है। इस सुखद अवसर पर सरपंच सुनीता यादव के साथ अन्य जनप्रतिनिधि, सरपंच जितेंद्र यादव, यादव समाज के अध्यक्ष भागचंद यादव, संरक्षक रामकरण मास्टर जी, सरपंच छोटेलाल यादव और रामावतार यादव भी मौजूद रहे।
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अलवर से शक्ति सिंह की रेपोर्ट