CHITTORGARH // चित्तौड़गढ़ में महामंडलेश्वर चेतन दास महाराज का निधन, 50 हजार श्रद्धालुओं ने दी अंतिम विदाई

चित्तौडग़ढ़ में प्रसिद्ध संत और मूंगणा आश्रम के महंत महामंडलेश्वर चेतन दास महाराज का शुक्रवार सुबह हार्ट अटैक से निधन हो गया। शनिवार को आश्रम परिसर में अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र से आए 50 हजार श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

गंगरार के करेडिया गांव में जन्मे गणेश, संत बिहारीदास से प्रेरित होकर संत बने। 1961 में मूंगणा पहुंचे, और बाद में कुंभ मेले में चारों अणी अखाड़ों द्वारा महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किए गए। उनके सान्निध्य में आश्रम में गौशाला, अन्नपूर्णा भोजनशाला, वेद गुरुकुल संचालित हुए। देशभर में 1700 से अधिक मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा, निर्माण व जीर्णोद्धार करवाया शनिवार सुबह निकली अंतिम यात्रा। आश्रम लौटकर सम्पन्न हुई।

पट्टशिष्य अनुजदास व रामपाल ने मुंडन कर दी श्रद्धांजलि। इनके साथ-साथ बहुत सारे शिष्यों ने मुंडन करवाया। जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी चित्तौड़गढ़ सांसद CP जोशी, चंद्रभान सिंह आक्या, श्रीचंद कृपलानी, भाजपा जिला अध्यक्ष रतनलाल गाडरी, पूर्व जिला अध्यक्ष मिट्ठू लाल जाट, अशोक चंडालिया, पूर्व विधायक बद्रीलाल जाट, सहित कई नेता मौजूद रहे। कई मंदिरों व मठ से पधारे संत महात्मा महामंडलेश्वर आदि उपस्थित रहे।
सुरक्षा व्यवस्था में भारी पुलिस बल तैनात रहा। नेतृत्व DSP हरजीलाल यादव व SHO रतनसिंह ने किया। गुरु पूर्णिमा पर हर वर्ष लाखों लोग महंत के दर्शन करना आते थे। वह महंत द्वारा प्रतिवर्ष हजार लोगों का भजन बनवाया जाता था। इन्हीं के द्वारा मीरा मेवाड़ खालसा कुंभ जैसे पवित्रमेलों में भंडारे का आयोजन किया जाता था।
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चित्तौडग़ढ़ से सुनील तेली की रिपोर्ट
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