Prayagraj// 5 घंटे में करीब 4500 लोग अपनों से बिछडे महाकुंभ में , 500 मीटर दूरी में 1 घंटे से ज्यादा का वक्त लग रहा

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Prayagraj// 5 घंटे में करीब 4500 लोग अपनों से बिछडे महाकुंभ में , 500 मीटर दूरी में 1 घंटे से ज्यादा का वक्त लग रहा

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महाकुंभ में सड़क से घाट तक श्रद्धालुओं की भीड़ ही भीड़ है। 500 मीटर की दूरी तय करने में 1 घंटे से ज्यादा का वक्त लग जा रहा है। आज अमृत स्नान के समय सुबह 9 बजे तक यानी 5 घंटे में करीब 4500 लोग अपनों से बिछड़ गए। डिजिटल खोया-पाया केंद्र में अनाउंस कर उन्हें एक-दूसरे से मिलाया गया। इस केंद्र पर हर वक्त करीब 200 से 300 लोग ऐसे हैं, जो अभी अपनों के पास नहीं पहुंच पाए। उनके लिए लगातार अनाउंस किए जा रहे हैं।

देश के कोने-कोने से भक्त प्रयागराज आए हैं। पहले दिन भीड़ इतनी रही कि 3700 लोग अपनों से बिछड़ गए। बाद में खोया-पाया केंद्र से अनाउंसमेंट कर ज्यादातर लोगों को उनके परिवार वालों से मिलवाया गया।

महाकुंभ मेला प्रशासन ने मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भूले भटके लोगों के लिए शिविर और भूली भटकी महिलाओं और बच्चों के शिविर बनाया है। पौष पूर्णिमा के स्नान पर जुटी भीड़ के दौरान परिवार से बिछड़ने वाले लोगों के लिए ये शिविर मददगार साबित होते रहे।

 

स्नान पर्व के दौरान लगातार भूले भटके लोगों के नामों की लाउडस्पीकर के माध्यम से उद्घोषणा होती रही। सभी घाटों पर इस तरह के शिविर बनाए गए हैं और बड़ी संख्या में लाउड स्पीकर स्थापित किए गए हैं, जिससे दूर तक और पूरी स्पष्टता के साथ आवाज पहुंच रही है। इन अनाउंसमेंट को सुनकर लोग अपनों तक तुरंत पहुंच पा रहे हैं। उनकी मदद को घाटों पर तैनात पुलिस बल भी पूरी मदद कर रहा है।
सामाजिक एकता के महापर्व महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की संख्या संगम में डुबकी लगाने पहुंची। की संख्या संगम में डुबकी लगाने पहुंची। पूरे देश और पूरी दुनिया से संगम में डुबकी लगाने पहुंचे लोग दिव्य, भव्य और सुव्यवस्थित कुम्भ में हिस्सेदारी करते हुए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभूति से अभिभूत दिखे।

हालांकि, महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में लोगों का बिछड़ जाना आम बात है। इस व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए मेला प्रशासन की ओर से घाटों पर ही इसकी व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद यदि कोई बिछड़ा अपने परिजनों से नहीं मिल पाता है तो फिर इसके लिए खोया-पाया केंद्र भी बनाए गए हैं, जहां डिजिटल और सोशल मीडिया टूल्स की मदद से लोगों को खोजने के प्रयास होते हैं।

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